ऐ काश कहीं ऐसा होता लिरिक्स
ऐ काश कहीं ऐसा होता
के दो दिल होते सीने में…
ऐ काश कहीं ऐसा होता
के दो दिल होते सीने में
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
तकलीफ ना होती जीने में
तकलीफ ना होती जीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता
के दो दिल होते सीने में…
सच कहते है
सच कहते है लोग ये पीकर
रंज नशा बन जाता है
कोई भी हो रोग ये दिल का
दर्द दवा बन जाता है
आग लगी हो इस दिल में तो
आग लगी हो इस दिल में तो
हर्ज है क्या फिर पिने में
तो हर्ज है क्या फिर पिने में…
ऐ काश कहीं ऐसा होता
के दो दिल होते सीने में
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
तकलीफ ना होती जीने में
तकलीफ ना होती जीने में…
भूल नहीं सकता ये सदमा
याद हमेशा आएगा
किसी ने ऐसा दर्द दिया जो
बरसो मुझे तड़पाएगा
भर नहीं सकते ज़ख्म ये दिल के
भर नहीं सकते ज़ख्म ये दिल के
कोई साल महीने में
कोई साल महीने में…
ऐ काश कहीं, ऐसा होता
के दो दिल होते सीने में
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
तकलीफ ना होती जीने में
तकलीफ ना होती जीने में
ऐ काश कहीं, ऐसा होता
के दो दिल होते सीने में…
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